Getting things done part 4

Getting Started: Setting Up the Time, Space, and Tools


कभी-कभी लाइफ में कुछ सिंपल ट्रिक्स अपना लेने से लाइफ हमेशा के लिए बदल जाती है. ज़्यादातर सक्सेसफुल लोगों ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी सक्सेस पाने के लिए कोई ना कोई तरकीब अपनाई है. अपने माइंड को क्लियर कर बेहतर परफॉरमेंस के लिए, आपको अपने लाइफ पर कंट्रोल रखना होगा और इसके लिए आपको सही समय, जगह और टूल्स की ज़रुरत होगी. टाइम से हमारा मतलब है कि आपको कम से कम दो दिन अलग रखने होंगे. इस प्रोसेस को शुरू करने के लिए आप वीकेंड या छुट्टी का दिन चुन सकते हैं. ये प्रोसेस सुनने में आपको लंबा लग सकता है लेकिन इसका रिजल्ट आपको तुरंत मिलेगा. जगह का मतलब है कि आपके पास आपकी एक पर्सनल डेस्क होनी चाहिए जहां आप अपने काम को लिख कर उसे organize कर सकें. यहाँ तक कि अगर आपके ऑफिस में आपका केबिन है तब भी घर पर आपको अपना डेस्क सेट करना होगा. 
टूल्स का मतलब है वो सामान का यूज़ आप अपने आईडिया और विचारों को प्रोसेस करने में और उन्हें सही फ़ोल्डर में organize करने के लिए करते हैं. कंप्यूटर, पेपर ट्रे, स्टेपलर, कैलेंडर, पेंसिल ये सब टूल्स हैं जिनकी आपको ज़रुरत पड़ेगी. इनमें से कौन कौन सा टूल आपको रखना है वो आपकी मर्जी है. आप अपनी पसंद से अपना डेस्क सजा सकते हैं.

बस इतना याद रखें कि हम एक ऐसी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं जहां आप अपने मन को हर तरह के भटकाव से ख़ाली रख सकें. इसलिए अपने गोल तक पहुँचने के लिए सही समय और सही जगह का होना बहुत ज़रूरी है.

आइए इन टूल्स के बारे में समझते हैं. किसी भी आर्गेनाईजेशनल सिस्टम के लिए एक कैलेंडर को रेडी होना बहुत ज़रूरी होता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा कैलेंडर लेना चाहिए सिर्फ़ आपको उसे ठीक से यूज़ करना आना चाहिए. अपने कैलेंडर का इस्तेमाल उन अधूरे टास्क के बारे में लिखने के लिए ना करें जिन्हें आप कभी दोबारा चेक नहीं करने वाले हैं. इससे आपको सिर्फ़ यही लगेगा कि ये सिस्टम काम नहीं करता है और ये भी हो सकता है कि आप इस प्रोसेस को फॉलो करना ही बंद कर दें.

कैलेंडर का काम होता है किसी ख़ास काम के बारे में याद दिलाना, कोई ऐसा काम जिसे किसी ख़ास तारीख़ को करना बहुत ज़रूरी है जैसे कि डॉक्टर का अपॉइंटमेंट या कोई सेमिनार अटेंड करना. हो सकता है कि आप ख़ुद को आर्गनाइज्ड रखने के लिए किसी सॉफ्टवेयर या फ़ाइल की हार्ड कॉपी रखना पसंद करते हों, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, सिर्फ इतना ध्यान रखें कि कोई भी टूल अकेला काम नहीं कर सकता. एक स्ट्रोंग organizing सिस्टम बनाने के लिए जो सच में काम करता हो, आपको कई टूल्स को मिलाकर अलग-अलग ट्रिक्स को यूज़ करना होगा.

Collection: Corralling Your "Stuff"

अब आपके पास अपना डेस्क है जिस पर वो सभी टूल्स मौजूद हैं जिनकी आपको organizing प्रोसेस में ज़रुरत पड़ सकती है.

अब आप अपना काम शुरू कर सकते हैं. सबसे पहले आपको वो सारा सामान इकट्ठा

करना होगा जिसे organize करने की ज़रुरत है. आपको कितनी चीज़ों को छांटना है उसके हिसाब से इस प्रोसेस में 2 से 6 घंटे लग सकते हैं. आपको अपने घर के हर रूम और drawer में चेक करना होगा. पहले, आपको फिजिकली सारा सामान इकट्ठा करना है. कोई भी ऐसी चीज़ जिसकी कोई परमानेंट जगह नहीं है और वो इधर उधर बिखरी हुई है, उसे आपको ठीक से देखना और प्रोसेस करना होगा इसलिए इसे अपने "in-basket" में डालें.

दूसरा, आपको मेंटली सारी चीजें इकट्ठा करनी हैं. आपको पेपर पर अपने सारे आईडिया और थॉट लिखने होंगे. अपने हर आईडिया को लिखकर in-basket में रखना सबसे अच्छा तरीका होता है. आपको ऐसे कई आईडिया और प्रोजेक्ट मिलेंगे जिन्हें आप करना तो चाहते थे लेकिन उन्हें करने का कभी समय ही नहीं मिला.
हम सभी अक्सर अपने drawer में कई चीजें छोड़ देते हैं और फ़िर उन्हें कभी नहीं उठाते. अक्सर drawer में फ़ाइल, बिज़नेस कार्ड, पेन वगैरह होते हैं इसलिए आपको हर आइटम को ठीक से चेक करना होगा. हर बिजनेस कार्ड और नोट को चेक करें. जब आपको लगे कि कोई चीज़ काम की है तो उसे in-basket में रख दें. मेंटली चीज़ों को इकट्ठा करना कोई पर्सनल या प्रोफेशनल आईडिया हो सकता है. हो सकता है कि आपको अपना garage साफ़ करना हो, किसी को फ़ोन करना हो या अपने ईमेल में बेकार की चीजें डिलीट करनी हो. सब कुछ इकट्ठा करने के बाद, सामान का एक बड़ा ढेर लगा होगा. जब आप सारा सामान देखते हैं तो आपको क्लियर हो जाता है कि आपको क्या करना है और सब organize करने के बाद सब कुछ कैसा होगा. अब आप ख़ुद सोचिए कि अपने सभी अधूरे काम को मैनेज करने के बाद आप जो काम कर रहे हैं उस पर कितने अच्छे से फोकस कर पाएंगे. एक बार जब आप उन चीजों को इकट्ठा कर लेंगे जो आपका ध्यान भटका रहे थे तो आपको एक अलग सी पॉवर का एहसास होगा. तब आपको फील होगा कि आपकी लाइफ आपके कंट्रोल में है, आप लाइफ के वश में नहीं हैं.

इसलिए अगर सामान इकट्ठा करने के प्रोसेस में कुछ ज़्यादा समय लग जाए तो निराश ना हों क्योंकि काम पूरा होने के बाद आपकी मेहनत ज़रूर रंग लाएगी.

Processing: Getting "In" to Empty

पिछले चैप्टर में आपने सीखा कि कैसे अपने सभी अधूरे काम को कैसे इकट्ठा किया जाए जो आपका ध्यान भटकाते हैं. सामान इकट्ठा करते समय आपको उन चीज़ों को हटा देना चाहिए जिनकी आपको ज़रुरत नहीं है. अब उस काम को करने का समय है जिसे करने में आपको सिर्फ़ दो मिनट लगेंगे.

अगर आपके सामने कोई ऐसा काम आता है जिसे आप नहीं कर सकते या किसी ऐसे शख्स से करवाना है जो आपसे बेहतर उसे कर सके तो वो काम उन्हें सौंप दें. इसे करने के बाद, अब आपके पास वो काम बचेंगे जिन्हें करने में आपको दो मिनट से ज़्यादा समय लगेगा. ऐसे काम को आप सिंपल टास्क और बड़े प्रोजेक्ट जैसी केटेगरी में डिवाइड कर सकते हैं. आमतौर पर प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ज़्यादा प्लानिंग की ज़रुरत होती है. जब आप अपने काम को डिवाइड कर रहे हों तो आपको उस काम को सबसे पहले करना

चाहिए जो सबसे ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है, उसके बाद आप बाकी के काम कर सकते हैं. याद रखें कि आपको एक समय में एक ही काम को पूरा करना है और किसी भी काम को अधूरा नहीं छोड़ना है. अगर आप कल पर अपने काम को टालेंगे तो आपके माइंड में फ़िर वही चीजें चलने लगेंगी जो आपका ध्यान भटकाती हैं और आपको अपने गोल से दूर ले जाती है. ये टास्क अभी आपको आसान और क्लियर लग रहे होंगे लेकिन अगर आपने उन्हें प्रोसेस नहीं किया तो रूम से बाहर जाते ही आप उनके बारे में भूल जाएँगे. इसलिए अपने गोल को हासिल करने के लिए, आपको कौन सा काम करना है उसके बारे में ठीक से लिखें. आइए कुछ एग्ज़ाम्पल से समझते हैं. मान लीजिए कि आपको अपने लिविंग रूम की सफाई करनी है.

तो इस टास्क के लिए आपको लिखना चाहिए "मुझे कार्पेट साफ़ करना है, सोफ़े से धूल झाड़नी है और टेबल को थोड़ा लेफ्ट में सरकाकर वहाँ भी सफाई करनी है.... " ईमेल लिस्ट को organize करना है इसके लिए आप लिख सकते हैं "मुझे इम्पोर्टेन्ट ईमेल के जवाब देने हैं, जिसकी मुझे ज़रुरत नहीं वो सभी चीजें डिलीट करनी हैं और ईमेल की अलग-अलग केटेगरी भी बनानी है....."

अलमारी को साफ़ करना है

अलमारी की सफाई एक ऐसा काम है जिसे कोई भी करना पसंद नहीं करता. लेकिन जब आप एक क्लियर गोल सेट करते हैं तो वो काम करने के लिए आप सच में मोटीवेट हो जाते हैं. यहाँ आप लिख सकते हैं "मुझे उन कपड़ों को हटाना है जिनकी मुझे ज़रुरत नहीं है....." प्रेजेंटेशन के लिए तैयार करनी है

अगर आपको लगता है कि किसी काम को पूरा करने के लिए एक से ज़्यादा स्टेप्स की ज़रुरत है तो उसे प्रोजेक्ट की केटेगरी में डाल दें. इसके लिए बाद में और प्लानिंग की ज़रुरत होगी. एग्ज़ाम्पल के लिए, प्रेजेंटेशन की तैयारी करना भी किसी प्रोजेक्ट पर काम करने से कम नहीं है. प्रेजेंटेशन की प्लानिंग करते समय आपको एक टॉपिक चुनना होगा, फ़िर उसके बारे में कोई बुक या जर्नल पढ़नी होगी, उसके बाद आपको अपना ड्राफ्ट लिखना होगा, फ़िर बारी आती है स्लाइड शो तैयार करने की और अंत में लोगों के सामने बोलने की प्रैक्टिस करनी होगी.

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