Getting things done part 2

 A New Practice for a New Reality


क्या आपको लगता है कि काम की एक लंबी लिस्ट को कंट्रोल में रखते हुए भी दिन के अंत तक कोई आदमी रिलैक्स्ड फील कर सकता है? हाँ, ऐसा बिलकुल हो सकता है और ये बुक आपको दिखाएगी कैसे.

आज हमें एक ऐसे सिस्टम की ज़रुरत है जो हमें अपना काम भी करने दे और रिलैक्स्ड भी बनाए रखे. आज के इस भागते हुए दौर में जॉब शब्द को ठीक से समझा पाना मुश्किल हो गया है. आए दिन हमारी जॉब बदलती रहती है और हर रोज़ हम पर नई ज़िम्मेदारियाँ बढ़ती ही जा रही हैं.

पुराने समय में, एक एम्प्लोई को उसके गोल और ज़िम्मेदारियों के बारे में ठीक से बता दिया जाता था. लेकिन आज हमें खुद सोचना समझना पड़ता है कि दिन के ख़त्म होते-होते हमें काम कैसे पूरा करना है. इस वजह से हर आदमी पर प्रेशर बढ़ने लगा है.

इस बदलाव के लिए पहले आपको अपनी कुछ आदतों को बदलना होगा. सबसे पहले, आपको इस बारे में क्लियर होना होगा कि आप क्या करना चाहते हैं. अगर आपके पास कोई आईडिया है तो उसे क्लियर तरीके से लिखें और उसे शुरू करने के लिए एक डेट सेट करें. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका मन बेचैन रहेगा, भटकता रहेगा. आप हर वक्त अपने हर काम के बारे में सोचते रहेंगे और जो काम आप अभी कर रहे हैं उस पर फोकस नहीं कर पाएँगे.

दूसरा, आप जो भी काम कर रहे हैं उस पर 100% फोकस करने की कोशिश करें. अपने काम को तेज़ी से पूरा करने के लिए आपका फोकल लेज़र की तरह सिर्फ होना चाहिए. जब आपके माइंड में एक क्लियर पिक्चर होता है और आप एक ऐसे माहौल में काम करते हैं जहां आपका ध्यान नहीं भटकता तो आप कंट्रोल में रहेंगे और स्ट्रेस महसूस नहीं करेंगे.

एग्ज़ाम्पल के लिए, मुझे आपसे एक सवाल पूछना है, पिछले को सुनते हुए क्या आपका ध्यान भटका? अगर हाँ, तो यकीनन कोई ऐसा काम बाकी है जिसे आप करना चाहते हैं लेकिन उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं पाए.

जब आप कोई काम करने का फ़ैसला करते हैं तो आपका ब्रेन आपको तब तक उस काम की याद दिलाता रहता है जब तक आप उसे पूरा नहीं कर लेते. तो ज़रा सोचिए कि अगर 10 काम अधूरे पड़े हैं तो वो आपको कितना स्ट्रेस देता है? और इसमें कोई डाउट नहीं है कि ये टेंशन आपको किसी भी काम में concentrate नहीं करने देगा. इसका एक ही उपाय है, आपके दिमाग में आने वाली हर थॉट को लिखकर एक लिस्ट बनाएं. अपने काम या टास्क के बारे में लिखें और उसके नीचे उसकी डिटेल लिखें. आपको इस टास्क के लिए एक क्लियर डेडलाइन भी सेट करनी होगी ताकि आपका ब्रेन उसके बारे में चिंता करना बंद कर सके.

इसका लॉजिक बहुत सिंपल सा है, अगर आप कोई काम करना चाहते हैं और उसके लिए कोई डेडलाइन सेट नहीं करते तो आपका ब्रेन यही सोचता रहेगा कि अभी तो वो काम अधूरा है. इसलिए जब आप किसी दूसरे काम में बिजी होते हैं तो आपका ब्रेन आपना ध्यान उस काम की ओर खींचने लगता है जो उसे लगता है कि ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है.

एक लिस्ट बनाने से आपका ब्रेन शांत हो जाएगा. उसे एक मैसेज मिल जाता है कि उस काम को करने के लिए आपने एक डेट फ़िक्स कर दी है तो वो निश्चिंत होकर दूसरे काम पर फोकस करने लगता है. हर हफ़्ते के अंत में इस लिस्ट को चेक करें और अगर उसमें कुछ बदलने की ज़रुरत है तो बदलकर उसे अपडेट करें.

काम करने वाली इस लिस्ट को "टू-डू-लिस्ट" कहा जाता है. जब तक आप अपने काम की एक क्लियर लिस्ट नहीं बनाते तब तक आपको किसी भी काम पर फोकस करना बेहद मुश्किल लगेगा. याद रखें, स्ट्रेस के बिना, कम समय में तेजी से काम पूरा करने का एक ही सीक्रेट है, अपना पूरा फोकस काम पर बनाए रखना.

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