कोरोना की बजह से दुनिया भर के शेयर मार्केट गिरें हुए है वही भारत में विदेशी निवेशकों ने मार्च के महीने में 1 लाख करोड़ से अधिक रुपये शेयर मार्केट से निकल लिए हैं।
निवेशकों को लगता है कि ऐसे हालात में उनके पैसे भारत के शेयर बाजार में फंस सकते हैं और बाजार और भी नीचे जा सकता है जिससे उनके लगाए रुपये डूब सकते हैं, जबकि 2018 की मंडी में सिर्फ 80 हजार करोड़ रुपये निकाले गए थे।
मार्च महीने में भारतीय सेंसेक्स 29 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है जो कि दूसरे देशों से अधिक है। यात्रा और पूर्ण lockdown के चलते शेयर मार्केट पर बहुत नकारात्मक असर पड़ा है।
विदेशी निवेशकों ने जनवरी और फरवरी में भी भारतीय सेंसेक्स में पैसे लगाए रखे थे परंतु मार्च के महीने में उन्होंने अधिक पैसे निकाले हैं और लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए निकट भविष्य में भी इसमें सुधार की स्तिथि आने के आसार कम ही नजर आते दिख रहे हैं।
निवेशकों को लगता है कि ऐसे हालात में उनके पैसे भारत के शेयर बाजार में फंस सकते हैं और बाजार और भी नीचे जा सकता है जिससे उनके लगाए रुपये डूब सकते हैं, जबकि 2018 की मंडी में सिर्फ 80 हजार करोड़ रुपये निकाले गए थे।
मार्च महीने में भारतीय सेंसेक्स 29 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है जो कि दूसरे देशों से अधिक है। यात्रा और पूर्ण lockdown के चलते शेयर मार्केट पर बहुत नकारात्मक असर पड़ा है।
विदेशी निवेशकों ने जनवरी और फरवरी में भी भारतीय सेंसेक्स में पैसे लगाए रखे थे परंतु मार्च के महीने में उन्होंने अधिक पैसे निकाले हैं और लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए निकट भविष्य में भी इसमें सुधार की स्तिथि आने के आसार कम ही नजर आते दिख रहे हैं।
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