व्हाट्सएप्प के मजेदार मसेज. whatsapp funny massage.

Dear all.....
please note that there are lot of tremors and earthquakes happening. Please keep all the liquor in plastic bottles. Glass bottles will break. Food will be provided by anyone . liquor arrangement has to be made by us only.
Issued in public interest.

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ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए इमेज editing की सुबिधा. Image editing service for e-commerce websites.




ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ग्राहकों को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है उत्पाद की पिक्चर, ग्राहक BUY बटन पर क्लिक करने से पहले उस उत्पाद की पिक्चर से ही पता लेना चाहता है कि उत्पाद की गुणवत्ता क्या है और वह कितना अच्छा है इसलिए आपके उतपाद की पिक्चर क्वालिटी जितनी अच्छी होगी उतने ही अधिक चांस है आपके उत्पाद की बिक्री के। अच्छी पिक्चर से उतपाद की एक वास्तविक छवि बनती है, और एक साफ-सुन्दर इमेज ही है जिससे ग्राहक आकर्षित होते हैं - आपके ऑनलाइन बिक्री बढाने में ये सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आपकी वेबसाइट पर जाकर, ग्राहक शारीरिक रूप से उत्पाद को छू या महसूस नहीं कर सकता, तो आपकी बिक्री संभव बनाने के लिए उत्पाद की छवि ही प्रदर्शित होती है। इसके अलावा, ग्राहक खरीदने का निर्णय बहुत ही जल्दी बना लेते हैं, तो आपके पास कुछ सेकंड्स से अधिक समय नहीं होता है। इसीकारण आपकी ई-कॉमर्स फोटोग्राफी उत्कृष्ट गुणवत्ता की होनी जरुरी है, जिससे यह साईट देखने वाले को मनोरजक लगे और वे उत्पाद को खरीदें। यह भी कारण है कि इमेज एडिटिंग ई-कॉमर्स साइट्स के लिए इतनी आवश्यक क्यों है।

कैसे ई-कॉमर्स साईट के लिए इमेज एडिट में क्या-क्या आता हैं?




अच्छी एडिट इमेज आपकी साईट को एक पेशेवर छवि प्रदान करती हैं। अधिकांश ई-कॉमर्स तस्वीरें उनके मूल रूप में प्रकाशित करने के लिए तैयार नहीं होती हैं। Unflattering बैकग्राउंड, Unwanted distractions, खराब रोशनी और रंग दोष का अपनी वेबसाइट पर इमेज को अपलोड करने से पहले का ध्यान रखा जाना चाहिए। अगर आप अपने उत्पाद की एक आदर्श छवि प्राप्त करना चाहते हैं तो आपकी मदद हम कर सकते हैं और इन सभी पहलुओं के साथ आपके उत्पाद की एक perfect इमेज आपको प्रदान कर सकते हैं।

अच्छे फोटो एडिटर इमेज के अनाकर्षक बैकग्राउंड को हटाते हैं, फोटो के पथ को ध्यान में रखते हैं, फोटो को retouching देते हैं और छाया का भी ख्याल रखते हैं जिससे ई-कॉमर्स साईट पर तस्वीरें अच्छी तरह से अपलोड की जा सके और देखने वालों को आकर्षित कर सकें। पहले और बाद की तस्वीरों के बीच का यह अंतर बहुत बड़ा है और आप किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहेंगे की आपकी साईट या उत्पाद की तस्वीर लोगों को पसंद न आए। यदि आप यह अंतर देख लेते हैं, तो आप अपने ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बिना एडिट की हुई इमेज बिलकुल भी नहीं चाहेंगे।

हमारे इमेज एडिटिंग सेवाओं में शामिल कुछ प्रोसेस हैं:


  • बैकग्राउंड को ठीक करना
  • इमेज को ट्रेस करना
  • इमेज की मास्किंग करना
  • रंग में सुधार करना
  • उत्पाद की छवि को बनाना
  • छाया को गिराना
  • छाया को retouch देना

हमारे कुछ एडिट की हुई तस्वीरें जिससे आपको अंदाजा हो जायेगा हमारे कम का:

 



ई-कॉमर्स वेबसाइटों में अच्छी इमेज के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता है। ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर उत्पाद की अच्छी तस्वीरों के बिना किसी भी ग्राहक को खरीदने के लिए आकर्षित नहीं किया जा सकता है।

आप संपर्क कर सकते हैं हमारे पते पर:

Name: Nishant Sharma

E-mail: nishantamrah@gmail.com

Mobile No.: 0753216566

Fb : https://www.facebook.com/nishantgraph




अगर आपका कोई सवाल है तो आप बेजिझक हो कर पूंछ सकते हैं।


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अगर आप अपनी इमेज को एडिट करना चाहते हैं तो आप बेजिझक हो कर बात कर सकते हैं हमारी टीम आपकी पूरी मदद करेगी।

अपनी प्रेजेंटेशन स्किल्स सुधारें। How to improve Presentation skills.


कार्यस्थलों पर दी जाने वाली प्रेजेंटेशन व्यवसाय और कला का अनोखा मेल होती हैं। इनकी जरुरत किसी भी तरह की बहस से परे है। सच यह भी है कि अधिकांश लोगों में प्रेजेंटेशन स्किल्स की कमी होती है। प्रेजेंटेशन के महत्व और इससे जुडी कमियों को दूर करने के तरीके बता रहे हैं।

अधिकांश व्यक्तियों के लिए लोगों के बड़े या छोटे समूह के सामने बोलना बहुत मुश्किल होता है। अकसर ऐसा मौका आने पर लोग बचने की कोशिश करते हैं, परन्तु यदि सबके सामने या मंच पर खड़े होकर बोलना ही अंतिम विकल्प हो तो उनकी प्रेजेंटेशन गड़बड़ा जाती है।



दरअसल लोगों के सामने खड़े होकर, मध्दिम रोशनी में, स्क्रीन पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन देना किसी कला से कम नहीं है। उस समय सामने बैठे लोगों के आँखें और कान प्रेजेंटेशन देने वाले की ओर मुड़े हुए होते हैं। ऐसे में अपनी एकाग्रता बनाए रखने और विषय से न भटकते हुए बात को सफाई के साथ उन तक पहुंचा देने के लिए अच्छे-खासे अभ्यास की जरुरत होती है।



प्रेजेंटेशन देते हुए शुरुआत तो अच्छी होती है लेकिन बीच में अचानक किसी के द्वारा कोई सवाल पूंछे जाने पर प्रेजेंटेशन देने वाले की एकाग्रता भंग हो जाती है। सवाल का जवाब देने के बाद उसे अपनी लय टूटी हुई महसूस होती है। फिर शुरू होता है विषय से भटकने का दौर। कई बार तो यह भी याद नहीं रह पता कि सवाल पूछें जाने से पहले विषय के किस पक्ष के बारे में बात हो रही थी।इस हालत में कभी-कभी महसूस होता है कि प्रेजेंटेशन समाप्त हो चुकी है।

क्या उपाय किये जाने चाहिए ऐसी स्थिति में? वैसे तो इस स्थिति में कई स्तरों पर काम किया जाना चाहिए, लेकिन पहले से की गयी कुछ बुनियादी तैयारी से प्रेजेंटेशन स्किल्स में सुधार किया जा सकता है। बेहतर प्रेजेंटेशन के दो मुख्य पक्ष होते हैं – अच्छे तरीके से लिखा गया कंटेंट और उसे बोलने का प्रभावशाली तरीका। इसके आलावा भी कई तरीके हैं प्रेजेंटेशन में सुधार के।





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प्रेजेंटेशन को अच्छा बनाने के लिए क्या करें। What do make presentation well and better.

एक अच्छी प्रेजेंटेशन में कई चीजें होनी चाहिए जिससे देखने वालों और श्रोताओं तक अपनी बात अच्छी तरह पहुंचाई जा सके। कुछ साधारण से बिन्दु हैं जिनसे आप अपनी प्रेजेंटेशन और अपनी प्रेजेंटेशन स्किल्स को अच्छा बना सकते हैं।



आकर्षक और मनोरंजक शैली

 

सबसे पहले ये याद रखें की आपकी प्रेजेंटेशन आकर्षक और मनोरंजक होनी चाहिए, भले ही वह वार्षिक लाभ-हानि के बारे में बताने वाली ही क्यों न हो। इसी के आधार पर आप सुनने वालों का ध्यान भी अपनी ओर खींच पाएंगे। पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप जरुरी बातें छोड़ कर लतीफे सुनाना शुरू कर दें। दरअसल आपको सुनने वाले आपसे कुछ उम्मीदें बांधे रखते हैं, जिन पर आपको अपनी शैली के जरिए खरा उतरना होता है। बिलकुल सपाट तरीके से, बिना हँसी-मजाक के अपनी बात रख देने से आप दर्शकों का ध्यान अपनी ओर नहीं खींच पाएंगे।



बॉडी लैंग्वेज/आई कांटेक्ट बना कर रखना

 

प्रेजेंटेशन के दौरान कांफ्रेंस रूम में मौजूद लोगों की आँखों में देखना सफलता की पहचान होती है। इस तारीके से आप दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हुए उनके साथ सीधा संपर्क स्थापित करते हैं।साथ ही आपको दर्शकों के सवालों का जवाब देने के लिए भी समय मिल जाता है। यदि आप अपनी ओर से कुछ प्रस्ताव रख रहें हैं तो इस मामले में यह भी सच है कि प्रेजेंटेशन देते समय आपका पूरा ध्यान केवल नीति-निर्माताओं की ओर ही नहीं होना चाहिए, उनके सहायक आदि भी अक्सर फैसले लेने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसलिए उनकी ओर देखते हुए भी संबोधन बेहद जरुरी है।



प्रेजेंटेशन के उद्देश्य की स्पष्टा

 

अपने काम के प्रति उत्साह और प्रेजेंटेशन पूरा करने की जल्दी के कारण अक्सर मुंह से बेतरतीब शब्द निकल जाते हैं। इसलिए जब आपको लगे की आपकी रफ़्तार ज्यादा है तो उसे 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। असल में धीरे बोलने से सुनने वालों की समझ में आपकी हर बात आ जाती है और आपको अच्छे शब्दों को चुनने के लिए पूरा समय मिलाता है। धीरे बोलने से आप श्रोताओं के भाव-भंगिमाओं को भी परख सकते हैं और अपनी प्रेजेंटेशन की रणनीति में जरुरी बदलाव कर सकते हैं।



माहौल को समझें

 

किसी भी प्रेजेंटेशन के दौरान अपने काम को छोड़ कर बाहरी वातावरण पर आपका नियंत्रण नहीं होता।आपके सामने बैठे लोग अनजान भी हो सकते हैं, इसलिए जरुरी है कि प्रेजेंटेशन से पहले रूम में अभ्यास कर लें। इस दौरान यह जाँच लें कि क्या अपनी पावर पॉइंट फाइल तक आपकी पहुँच आसान है? क्या माइक्रोफोन की पहुँच वहां तक है जहाँ तक आप प्रेजेंटेशन के दौरान जा सकते हैं? क्या आप अपनी डेस्क को हिला-डुला सकते हैं? क्या आप जिस जगह खड़े होंगे वहां से आप सभी को और आपको सुनने वाले आपको देख सकते हैं? हालाँकि इसके आलावा भी कई और भी बातें हैं जो आपको ध्यान में रखनी होती हैं, लेकिन अभ्यास के दौरान सभी काम आप खुद करके देखें, किसी दुसरे को इसकी जिम्मेंदारी न दें। याद रखें प्रेजेंटेशन कोई डराने वाली प्रक्रिया नहीं होती और न ही जरुरत की द्रष्टि से यह ऐसी होती है, जिसे आप नजरंदाज कर सकें।



समय का ध्यान रखें

 

अभ्यास के दौरान आपको समय का अंदाजा हो जाता है। इस दौरान यह साफ़ हो जाता है कि प्रेजेंटेशन कितनी देर तक चलेगी और आपके सामने यह भी स्पष्ट हो जाता है कि बाद में स्टेटमेंट देने और लोगों के साथ बातचीत के लिए कितना समय बचेगा। लिहाजा जहाँ तक संभव हो, प्रेजेंटेशन रूम में ही अभ्यास करें। इस दौरान आपको प्रेजेंटेशन की समयावधि का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर प्रेजेंटेशन के लिए 30 मिनट का समय मिलेगा तो अभ्यास 20-25 मिनट तक पूरा करने का प्रयास करें।इस तरह से आपको लोगों द्वारा पूंछें जाने वाले सवालों के लिए भी समय मिल जायेगा।

याद रखें, सामने बैठे लोग आपसे यह उम्मीद रखते हैं कि आप उनके समय का आदर करेंगें। यदि आप अपनी प्रेजेंटेशन जल्दी खत्म कर लेते हैं और उसमें कोई कमी भी नहीं रहती है तो इसका बड़ा सकारात्मक असर पड़ता है। इसके विपरीत अधिक समय लेने वाले अपने साथ-साथ लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बनाते हैं, इसलिए प्रेजेंटेशन सही समय और सही तरीके से समाप्त करने के अपने एजेंडा पर डटें रहें।




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एक बेहतर प्रजेंटर बने। Become a Good Presentor.

अकसर प्रेजेंटेशन के लिए कई बातों की जरुरत होती है। आपको अपने श्रोताओं की जरूरतों का अंदाजा होना चाहिए। आपके पास पहले से कोई रोचक, सम्पूर्ण और सबका ध्यान खींचने वाला कंटेंट होना चाहिए। साथ ही अपनी बात को सबके सामने रखने का आत्मविश्वास होना चाहिए। अपने माहौल की समझ के साथ-साथ आपको यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि आपके सन्देश का असर अधिक लोगों तक पहुँचे।




अपने श्रोताओं के बारे में जाने।


आपको सुनने वालों के बारे में सबसे पहले पता लगाना चाहिए की वे कौन हैं? इसके बाद यह जानना जरुरी होता है कि वे प्रेजेंटेशन से क्या चाहते हैं? उनके लिए क्या सूचना नयी होगी क्या पुरानी? क्या उनकी कुछ विशेष जरूरतें हैं, जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए? इसके लिए ये जरुरी है की आपको प्रेजेंटेशन की आउटलाइन स्पष्ट हो। दरअसल, आपको सुनने वाले यदि संतुष्ट रहते हैं तो समझिये आपकी प्रेजेंटेशन सफल रही।

 

अपने कंटेंट को तैयार करें।

 

वहीँ अपने कंटेंट को तैयार करना इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस किस्म का प्रेजेंटेशन देने जा रहे हैं। फिर भी जरुरी हैं आप मुख्य बिन्दुओं की पहचान कर लें। यह जरुरी नहीं होता की श्रोताओं के सामने हर डिटेल रखी जाये। बेहतर प्रेजेंटेशन दर्शकों को विषय की अतिरिक्त जानकारी देती है, इसलिए जरुरी है कि विषय की आउटलाइन से शुरुआत की जाए। श्रोताओं को बताएँ की आप क्या विषय उठाना चाहते हैं, ताकि उनकी अपेक्षाएं शुरू में ही स्पष्ट हो जाए।इससे विषय के प्रति कौतुहल भी बना रहता है। एक अन्य तथ्य यह भी है कि प्रेजेंटेशन की शुरुआत और अंत जोरदार तरीके से हो। यदि शुरुआत में आप श्रोताओं का ध्यान नहीं खींच पाए तो यह आपके पक्ष में नहीं जाता। साथ ही बीच-बीच में रोचक उदाहरण देने भी जरुरी होते हैं।

 

बॉडी-लेंगुएज का ध्यान रखें

 

सबसे मजेदार कंटेंट बेअसर हो जाता है जब प्रजेंटर का स्टाइल उसके अनुरूप ना हो। कई लोग प्रेजेंटेशन के दौरान नुर्वस हो जाते हैं, जिसका असर उनके बोलने और बॉडी लैंग्वेज पर पड़ता है। यही कुछ रुकावटें हैं, जिन पर काबू पाना जरुरी होता है। आत्मविश्वास बढ़ने के साथ-साथ यह कमियां दूर हो जाती हैं और आत्मविश्वास बढाने के लिए अभ्यास, लचीलापन और कंटेंट की अच्छी जानकारी होना बेहद जरुरी होती हैं।




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